लेखनी प्रतियोगिता -10-May-2022एक अच्छी शुरुआत के लिए टूटती एक मर्यादा
शीर्षक = एक अच्छी शुरुआत के लिए टूटती एक मर्यादा
हिना अपनी खिड़की के पास गुमसुम बैठी बाहर कुछ देख रही थी । उसकी पढ़ाई पूरी हो चुकी थी जब से पढ़ाई पूरी हुयी जब से वो बाहर नही गयी है सिर्फ अपनी अम्मी के साथ बाजार जाती थी और अब तो उसका रिश्ता भी लग गया है । और कुछ महीनों बाद उसकी शादी भी हो जाएगी। उसका पढ़ने का ख्वाब तो पूरा हो गया उसने अपनी मर्यादा के अंदर रहते हुए अपनी पढ़ाई पूरी कर ली लेकिन उसका एक ख्वाब स्कूटी चलाने का अधूरा रह गया । क्यूंकि उसके घर की मर्यादा नही है की औरत गाड़ी चलाये । कहने को उसके घर में कार, स्कूटी और बाइक सब कुछ है । जो की उसके बड़े भाई और अब्बू चलाते है ।
वो सोच ही रही थी। की उसके अब्बू घर में कहते हुए घुसे " अस्तग़्फ़िरुल्लाह, अस्तग़्फ़िरुल्लाह ये वकील साहब की बेटी तो ना जाने एक दिन हवाई जहाज चलाने लगेगी, अभी अभी बाइक से इतनी तेज ना जाने कहा जा रही थी इसे तो अपने घर की मर्यादा की कोई फ़िक्र नही, जब वकील साहब को ही अपने घर की मान मर्यादा की नही पड़ी तो बेटी को भी क्या होगी "
हिना भागती हुयी फ्रिज से पानी लेकर आयी ।
"जीती रहो मेरी बच्ची " रेहमत साहब ने पानी का गिलास लेते हुए कहाँ
हिना डरते हुए कहती है " अब्बू मुझे कुछ पूछना है आपसे "
"हाँ बोलो किया पूछना है " रेहमत साहब ने कहाँ
" अब्बू मैं कह रही थी कि अब मेरी पढ़ाई पूरी हो गयी और कुछ दिन बाद मेरी शादी भी हो जाएगी, क्यू ना मैं निशा दीदी से स्कूटी चलाना सीख लू "
रेहमत साहब को ये सुन गुस्सा आया और बोले " हरगिज़ नही, हमें अपने घर की इज़्ज़त को यूं सड़को पर स्कूटी और बाइक चलवाने का कोई शौक नही, हमारे घर की कुछ मर्यादा है , हमारे घर की औरते यूं इस तरह लड़को के चलाने वाली चीज़े नही चलाती। तुम्हे पढ़ने का शौक था और हमें पढ़ाने का और इल्म पर सब का हक़ है , इसलिए हमने तुम्हे पढ़ाया लिखाया लेकिन अब तुम स्कूटी चलाने की बात मत करो ये हमारे घर की मर्यादा के खिलाफ है । शादी के बाद अगर तुम्हारा शोहर इज़ाज़त दें तो चला लेना लेकिन मैं उससे भी मना ही करूंगा कि बहु बेटियों को यूं इस तरह बाहर सड़को पर स्कूटी चलाना अच्छी बात नही है ।"
हिना खामोश हो गयी और उदास हो कर अपनी माँ फ़िज़ा के पास चली गयी ।
"बेटा मेने तुमसे पहले ही मना किया था कि तुम्हारे अब्बू नही मानेंगे। उन्हें तो वकील साहब की बेटी निशा का भी स्कूटी और बाइक चलाना पसंद नही है । वो कई बार वकील साहब से कह चुके है । लेकिन वकील साहब उनसे हमेशा एक ही बात कहते है " कि एक दिन आप भी जान जाएंगे कि मेने निशा को गाड़ी चलाना क्यू सिखाई अपने घर की मर्यादा को तोड़ कर " हिना की अम्मी ने हिना को समझाते हुए कहाँ।
हिना घर के कामों में लग गयी । और रसोई की खिड़की से आते जाते लोगो को देखती रही ।
दरवाज़े पर दस्तक होती है । हिना दरवाज़ा खोलती है उसका भाई हन्नान दरवाज़े पर खड़ा था हन्नान ने हिना से कहाँ " आओ बाज़ी स्कूटी चलाते है , अभी अब्बू सो रहे है "
ये सुन हिना खुश हुयी लेकिन उसे अपने अब्बू की बात याद आ गयी और उसने मना कर दिया। लेकिन उसके भाई ने उसके हाथ में ज़बरदस्ती चाबी दी और उसे स्कूटी पर बैठा दिया। हिना से थोड़ी बहुत साइकिल चलाना आती थी इसलिए उसने साइकिल समझ कर उसे चलाने लगी । लेकिन थोड़ा आगे जाकर वो ठुक गयी पीछे से उसके अब्बू भी आ गए ।
उस दिन हिना की बहुत डांट पड़ी अपने अब्बू से। उस दिन के बाद उसने स्कूटी चलाने का ख्वाब छोड़ दिया क्यूंकि उसे घर वालो ने ही डेमोटीवेट किया जिसके चलते उसका मनोबल गिर गया ।
एक दिन हिना और उसके अब्बू घर में अकेले थे । उसका भाई और अम्मी बाजार गए थे उस दिन ऑटो वालो की हड़ताल थी पेट्रोल के बड़ते दामों की वजह से।
हिना अपने कमरे में बैठी मेहकता आँचल पढ़ रही थी और उसके अब्बू बाहर बरामदे में बैठे टीवी देख रहे थे । तभी हिना को कुछ गिरने की आवाज़ आयी वो घबरा कर बाहर आयी तो देखा उसके अब्बू अपने दिल पर हाथ रखे हुए ज़मीन पर लोट पोट हो रहे थे ।
हिना घबरा गयी । और ज़ोर ज़ोर से मदद के लिए चिल्लाने लगी । दोपहर का वक़्त था ज्यादातर लोग पंखे कूलर चला कर सो रहे थे ।
घर में स्कूटी और कार दोनों खड़े थे । लेकिन एक चलाने वाला बाहर था और दूसरा दर्द से मर रहा था ।
हिना बाहर खड़ी मदद को चिल्ला रही थी । तभी वकील साहब की बेटी निशा जो की अपने कमरे में बैठी थी उसे हिना की आवाज़ सुनाई दी और वो तुरंत नीचे आयी ।
हिना ने उसे गले लगाया और बोली " दीदी देखो ना अब्बू को किया हो गया , भाई भी बाहर गया है फ़ोन भी नही लेकर गया है और आज रिक्शा वाले भी हड़ताल पर है "
"तुम घबराओं मत हिना, अंकल को अभी अस्पताल लेकर जाना है तुम अंदर से कार की चाबी लाओ हम अभी चलते है "निशा ने कहाँ
"लेकिन दीदी आप कार चला लोगी " हिना ने कहाँ
"हाँ मेरी बहन मैं चला लूंगी ऐसे ही दिन के लिए तो पापा ने मेरे घर की मर्यादा तोड़ कर और मोहल्ले वालो की बाते सुन कर मुझे स्कूटी, स्कूटी से बाइक और अब कार चलाना सिखा दी है । ताकि हमें किसी का मोहताज़ ना होना पड़े किसी भी आपतकालीन अवस्था में। तुम जाओ चाबी लाओ मैं अंकल को गाड़ी तक ले जाती हूँ।" निशा ने कहाँ
निशा और हिना दोनों रेहमत साहब को अस्पताल ले आयी । जहाँ डॉक्टर ने उन्हें ऑपरेशन थिएटर में ले जाने को कहाँ
वकील साहब फ़िज़ा और हन्नान को भी अपने साथ अस्पताल ले आये ।
हिना अपनी अम्मी के गले लग कर रोने लगी ।थोड़ी देर बाद ऑपरेशन हुआ डॉक्टर ने कहाँ घबराने की कोई बात नही है । ये एक छोटा सा गैस का दर्द था जो अब ठीक हो चुका है । पहले हमें हार्ट अटैक लगा लेकिन था नही हाँ अलबत्ता थोड़ी बहुत देरी हो जाती तो दर्द सहन ना कर पाने की वजह से जान भी जा सकती थी । लेकिन इन दोनों की सूझ बूझ और एम्बुलेंस का इंतज़ार ना करने की वजह से आज मरीज ज़िंदा है ।
फ़िज़ा ने निशा का माथा चूमा और कहाँ " तुम्हारे पिता जी सही कहते थे हिना के अब्बू से कि एक दिन वो ज़रूर जान जाएंगे कि उन्होंने सबसे बगावत करके अपने घर कि मर्यादा को तोड़ कर तुम्हे गाड़ी चलाना क्यू सिखाई आज अगर तुम भी हिना कि तरह सिर्फ गाड़ी चलाने का ख्वाब ही देखती तो आज मेरा सुहाग उजड़ गया होता "
सब लोग अंदर गए । हिना के अब्बू बिस्तर पर लेटे थे जब उन्हें फ़िज़ा ने बताया की निशा , गाड़ी चला कर उन्हें यहाँ लायी थी इसलिए वो आज बच पाए नही तो ना जाने किया हो जाता।
ये सुन उनकी आँखों से आंसू आ गए और वो जान गए की वकील साहब हमेशा उनसे वही बात क्यू कहते थे । शायद वो जानते थे कि एक दिन ऐसा ज़रूर आएगा और में उनकी बात का मतलब समझ जाऊंगा।
आज वो समझ गए कि अच्छे काम के लिए अगर घर की मर्यादा थोड़ी बहुत टूट भी जाए तो कुछ हर्ज़ नही।
कुछ दिन बाद वो ठीक हो कर घर आ गए और स्वयं हिना को स्कूटी चलाना सिखाई कुछ ही दिनों में वो स्कूटी चलाना सीख गयी । और अब वो ही उन्हें दुकान पर छोड़ने और लेने जाती है।अपनी मर्यादा का पालन करते हुए ।
प्रतियोगिता हेतु लिखी कहानी।
नंदिता राय
12-May-2022 06:34 PM
Nice 👍🏼
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Soniya bhatt
11-May-2022 06:57 PM
👌👌
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Neelam josi
11-May-2022 05:39 PM
बहुत खूब
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